~¤Akash¤~
Prime VIP
बड़ा अजीब खुदाया तेरा ये जहान है
ना साया है सर पे ना कोई सायेबान है
रखता ही नहीं दिल पे कभी हाथ वो मेरे
जो कहता है खुद को वो मेरा नीमजान है
मिलता है रोज ही तो मेरे रहजनों से वो
बताता जो खुद को मेरा निगहबान है
दिए थे फरेब जिसने "अयान" पूछता है वो
खाली किया हुआ क्यूँ ये दिल का मकान है....
ना साया है सर पे ना कोई सायेबान है
रखता ही नहीं दिल पे कभी हाथ वो मेरे
जो कहता है खुद को वो मेरा नीमजान है
मिलता है रोज ही तो मेरे रहजनों से वो
बताता जो खुद को मेरा निगहबान है
दिए थे फरेब जिसने "अयान" पूछता है वो
खाली किया हुआ क्यूँ ये दिल का मकान है....