उस दिन से ये आँख आंसू रोती ही नहीं है....

~¤Akash¤~

Prime VIP
एक पल भी मेरे साथ ठहरती ही नहीं है
जो साथ चलूँ साथ में चलती भी नहीं है

सोचा था हमने कभी तो इसके रूबरू होंगे
ज़िदगी है मेरी, ढंग से गुजरती ही नहीं है

खवाबो में में तेरे देख ये बोझिल सी हो गई
मेरी नींद जो आँखों से निकलती ही नहीं है

हमने भी इन पलकों को मुकफ्फल कर लिया
जब तस्वीर तेरी आँखों से उतरती ही नहीं है

यूँ रोज ही देता है सजा तो वो मुझको
कमी मेरे होंसले मे अब होती ही नहीं है

कई बार जागे "अयान" सुबह की तलाश में
वही कयामत की रात है ढलती ही नहीं है

कभी तुझ से अलग हो कर हम खून रोये थे
उस दिन से ये आँख आंसू रोती ही नहीं है....
 
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