~¤Akash¤~
Prime VIP
जब सच्चे गवाह की यहाँ कीमत नहीं रही
मुह खोलने की मुझमे भी हिम्मत नहीं रही
झुकता है सर अब भी मेरा बुजुर्गों के सामने
लोग कहते हैं दुनिया में शराफत नहीं रही
डराता है कातिल मुझे दारो-रसन से रोज
वो सोचता है मुझमे शहादत नहीं रही
कुछ यूँ लिपट के रोये वो "अयान" रात भर
सब कहते थे दोनों में महोब्बत नहीं रही....
मुह खोलने की मुझमे भी हिम्मत नहीं रही
झुकता है सर अब भी मेरा बुजुर्गों के सामने
लोग कहते हैं दुनिया में शराफत नहीं रही
डराता है कातिल मुझे दारो-रसन से रोज
वो सोचता है मुझमे शहादत नहीं रही
कुछ यूँ लिपट के रोये वो "अयान" रात भर
सब कहते थे दोनों में महोब्बत नहीं रही....