रात बच जाएगी ये आखरी सांसों पे पड़ी है...............

~¤Akash¤~

Prime VIP
खिड़कियाँ बंद है दीवारों के सीने ठंडे, पीठ फेरे हुए दरवाजों के चेहरे चुप है
मेज कुर्सी है के खामोशी के धब्बे से है, फर्श में दफ़न है सब आहटे सारे दिन की
सारे माहौल पे ताले से पड़े हैं चुप के, तेरी आवाज की एक बूँद जो मिल जाए कही से
रात बच जाएगी ये आखरी सांसों पे पड़ी है...............
 
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