हो कुछ ना कुछ तो दिल की तसल्ली के वास्ते आये ना वो जवाब तो आ जाये कम से कम सच कह के मैं तो काट रहा हूँ सजा मगर बस्ती मे इन्कलाब तो आ जाये कम से कम............