हमने जिसे साख ए गुले-तर समझ लिया उसने हमें बुतखाने का पत्थर समझ लिया अच्छी नहीं है सबसे इतने आजिजी "अयान" तेरे लहजे को लोगों ने खुशामद समझ लिया.....