बात सिर्फ इतनी है के आदमी को फुरसत थी.................

~¤Akash¤~

Prime VIP
मैं समझ नहीं पाया आज तक इस उलझन को
खून मे हरारत थी या तेरी महोब्बत थी

मजनू हों की लैला हों हीर हों के राँझा हों
बात सिर्फ इतनी है के आदमी को फुरसत थी.................
 
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