मानी ना अक्ल की दिले दिले नादाँ के सामने एक घर बना लिया दरे जानां के सामने वो सिर्फ रहज़नो पे ही इल्जाम क्यों रखे जो लुट गया हो अपने निगहबां के सामने..........