तुमने देखा है किसी मीरा को मंदिर मे कभी एक रोज इसी तरह उसने मुझे माँगा था खुदा से............. मैं तमाम तारे उठा उठा के गरीब लोगों मे बांट दूँ कभी एक रात वो आसमां का निजाम दे मेरे हाथ मे..