साहिल को समंदर मे डुबोने नही देता......................

~¤Akash¤~

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रोना भी जो चाहें तो वो रोने नही देता
वो शक्स तो पलकें भी भिगोने नही देता,

वो रोज़ रुलाता है हमे ख्वाब मे आकर
सोना भी जो चाहें तो सोने नही देता,

ये किस के इशारे पे उमड़ आए हैं बादल
है कौन जो बरसात भी होने नही देता

आता है ख़यालों मे मेरे कौन ये अक्सर,
जो मुझको किसी और का होने नही देता,

इक शख्स है ऐसा मेरी बस्ती मे अभी तक ,
जो बोझ अकेले मुझे ढोने नही देता

मैं हूँ के बहाती हूँ तेरी याद मे आँसू,
तू है के अश्कों को पिरोने नही देता,

वो चेहरा अजब है जिसे पा कर मैं अभी तक,
खोना भी चाहूं तो खोने नही देता

थामे हुए है लहरों की हुस्न-ए-बाग कोई तो,
साहिल को समंदर मे डुबोने नही देता......................
 
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