ये ज़ख्मी क्यों खाना ख़राब आ गया है...................

~¤Akash¤~

Prime VIP
जालिम पे जब से शबाब आ गया है
तो चेहरे पे उन के नकाब आ गया है

कोई डाकिया जब भी आया गली में
मैं समझा के ख़त का जवाब आ गया है

अचानक यह महफिल हुई कैसे रोशन
कोई बज्म मे बे हिजाब आ गया है

मेरी राह मे जिसने कांटे बिछाये
वही आज लेकर गुलाब आ गया है

मुझे देखकर मुस्कुराकर वो बोले
ये ज़ख्मी क्यों खाना ख़राब आ गया है...................
 
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