हबाब ने मुझे देखा तो आब आब हुआ...................

~¤Akash¤~

Prime VIP
ये दिल कभी ना महोब्बत मे कामयाब हुआ
मुझे ख़राब किया आप भी ख़राब हुआ.........

अज़ल मे, जिस्त मे, तुराबत मे, हश्र मे जालिम
तेरे सितम के लिए मैं ही इन्तख्वाब हुआ..................

निगाहें मस्त को साकी की कौन दे इल्जाम
मेरा नसीब था के रुसवा मेरा शबाब हुआ...............

हमारे इश्क की दस बीस ने भी दाद ना दी
किसी का हुस्न ज़माने मे इन्तख्वाब हुआ...................

फंना का दावा हजारों को था ज़माने मे
हबाब ने मुझे देखा तो आब आब हुआ...................



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[hashr=day of judgement; intaKhaab=selected]

[habaab=bubble; aab=water]
 
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