ना मेरी नज़र से नज़र मिला के ये इत्तफाक अजीब है मुझे शौंक जाम ए शराब का तेरी आँख जामे शराब है................ जब तक कैद ना हो मुट्ठी में ये सूरज हम पेड़ के साये पे भरोसा नहीं करते...............