वो है फरिश्तो से और आदमी से हम!!

~¤Akash¤~

Prime VIP
कहते हैं अपनी बात बड़ी सादगी से हम.
फिर भी लगे दकीक उन्हें फ़ारसी से हम!!

दकीक = कठिन

होने लगी है उमको मिटने की साजिशे
जीने लगे है और भी जिंदा-दिली से हम

मिटना तो है नसीब मोहब्बत नवाज़ का
जिंदा रहेंगे फिर भी इसी शायरी से हम

उनसे मिजाज़ कैसे मिलेंगे बताइए
वो है फरिश्तो से और आदमी से हम!!
 
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