वो हाल लिख चला हूँ, करवट बदल-बदल कर

~¤Akash¤~

Prime VIP
शब को मेरा जनाज़ा जायेगा यू निकल कर
रह जायेंगे सुबह को दुश्मन भी हाथ मल कर

रोयेंगे देख कर सब बिस्तर की हर सिकन को
वो हाल लिख चला हूँ, करवट बदल-बदल कर
 
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