वो गर्मी-ऐ-बज़्म-ऐ-इश्क गया, वो मेहर-ओ-वफ़ा के गीत गए जब हौसला-ऐ-दिल पस्त न था, हां-हां वो ज़माने बीत गए हम शाने-तहम्मुल पे नाजा, तुम जोरे-मुसलसल पे कायम लिल्लाह ऐ बजी रहने दो, हम हार गए तुम जीत गए