मेरी ही सनाफ़ से है",

~¤Akash¤~

Prime VIP
मुझे दुःख,
अपने बे-रिदा होने,
का नही ,
मलाल तू सिर्फ़,
इस का है के,
लफ्जों के मकराज़ से,
मेरी ओधनी ,
तार तार करने वाले हाथ,
जिस बे-रहम के हैं ,
उस का तालुक ,
मेरी ही सनाफ़ से है",
 
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