आगाज़ मैंने किया था तुम इख्तेताम करदो ! .... जब चाहो मेरे जज्बों को बेनाम करदो ! .... बात अगर, ज़र्फ़....की है !! तोह यूँ करो.... तुम जीत जाओ ! हार मेरे नाम करदो !!! ....