हमको झुकना सिखा दिया !

~¤Akash¤~

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आज उसकी याद आई तो वीरानियाँ गायब हो गयी,
और यादो ने उसकी , मेरी आंखो से बहकर
मुझको नहला दिया!


उन यादो में खुशी भी थी,
उन बातों में तकलीफ भी थी,
पर उसकी बातो ने ,आज भी
क्यूँ मेरा दिल धड़का दिया!


मैं बेचैन भी हूँ , मैं तन्हा भी हूँ,
खुद में सिमटा हुआ ,लम्हा भी हूँ,
पर उसने आज मुझे फिर,
बहता हुआ कोई दरिया बना दिया!


वो यादों में है मेरी, मेरे खयालों में है ,
उलझी जिंदगी के सवालों में है,
क्यूँकि मेरे किसी सवाल का ,
उसने कोई जवाब ही नहीं दिया!

मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं,
कभी कोई तमन्ना भी नहीं रही,
फिर भी तुमने क्यूँ मुझको,
इतना बेगाना बना दिया!


शायद कभी मैने कहा नहीं,
और कभी तुमने समझा नहीं,
और बस इन्हीं बातों ने,
हमको झुकना सिखा दिया !
 
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