अश्क बह जाते हैं आँखों से, तेरे दिल में उतर जाने को तू कमबख्त देखता ही नहीं, दर्द-ऐ-दिल के इस नज़ारे को तेरी खातिर दुनिया से लड़ जाता हे ये दिल और तू मशगूल हे, तमाशे पे तालियाँ बजाने को