कोई भी बन सकेगा मिस्टर इंडिया

'MANISH'

yaara naal bahara
वाशिंगटन. सुनने में यह सब फिल्म मिस्टर इंडिया की कहानी सा लग सकता है लेकिन सौ फीसदी सच है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कांच के अत्यंत सूक्ष्म टुकड़ों की मदद से ऐसा कपड़ा तैयार किया है जिसे किसी वस्तुओं को ढंकने के बाद वे अदृश्य हो जाती हैं।

सामान्य रूप से जब प्रकाश किसी वस्तु पर पड़ता है तो वह परावर्तित होकर व्यक्ति की आंखों पर पड़ता है जिससे हमें चीजें दिखाई देती हैं। लेकिन मिशिगन टेक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ऐसी तरकीब खोज निकाली है जिससे किसी वस्तु पर पड़ने वाला प्रकाश परावर्तित नहीं होता है बल्कि उस वस्तु के आकार के अनुसार मुड़कर अपने रास्ते पर आगे चला जाता है। हालांकि यह खोज अभी इंफ्रारेड लाइट (अवरक्त प्रकाश) तक ही सीमित है। अभी यह तकनीक प्रयोगशाला में ही सफल हो पाई है लेकिन यदि इंफ्रारेड किरणों पर मिले परिणाम दृश्य प्रकाश पर भी मिल सके तो अदृश्य होने की कल्पना साकार हो सकेगी।

कपड़ा कर देगा अदृश्य

ऐसा धातुरहित सूक्ष्म कपड़ा जो कांच के रेजोनेटर्स से बना है। रेजोनेटर वह डिवाइस या तंत्र होता है जिसके अंतर्गत पदार्थ में कंपन होता रहता है। इसे उस पदार्थ की अनुनाद प्रवृत्ति भी कहते हैं। कंप्यूटर सिमुलेशंस (कंप्यूटर द्वारा किए गए प्रयोग) में यह इंफ्रारेड प्रकाश को मोड़ कर वस्तु को गायब कर देता है। गौरतलब है कि इस प्रायोगिक कपड़े का आकार बहुत ही छोटा है। इसका आकार एक मीटर के दस लाखवें भाग के बराबर है।

इलीना द्वारा बनाया गया विशेष पदार्थ प्रकृति में मिलने वाले पदार्थो की तरह नहीं है। इसमें वे गुण हैं जो सामान्य रूप से प्रकृति में नहीं मिलते। इस कपड़े को बनाने के लिए संकेंद्रित कांच के रेजोनेटर्स को बेलन के आकार में व्यवस्थित किया गया है। न्यू साइंटिस्ट मैगजीन ने पिछले साल अनुमान लगाया था कि अगले 30 सालों में अदृश्य करने वाला कपड़ा रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन जाएगा।


कैसे अदृश्य होंगी चीजें

वृत्त की आराएं (स्पोक्स) एक चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण करेंगी जो वस्तु पर पड़ने वाले प्रकाश की किरण को मोड़ देगा। इस धातुरहित कपड़े को बनाने के लिए सामान्य गुणधर्म के पदार्थ के अणु-परमाणु नहीं बल्कि अत्यंत महीन रेजोनेटर्स का प्रयोग किया गया है। रेजोनेटर्स को पदार्थ विज्ञान और विद्युत इंजीनियरिंग के बीच की कड़ी कहा जा सकता है।
 
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